प्रशांत किशोर को आधुनिक बिहार का मुख्मंत्री
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प्रशांत किशोर को आधुनिक बिहार का मुख्मंत्री क्यूँ कहा जा रहा है

प्रशांत किशोर को आधुनिक बिहार का मुख्मंत्री क्यूँ कहा जा रहा है, क्या प्रशांत किशोर 2025 में  बिहार के अगले मुख्यमंत्री बनाने जा रहे है ?

प्रशांत किशोर एक परिचय 
प्रशांत किशोर भारतीय राजनीति के सबसे प्रमुख और चर्चित रणनीतिकारों में से एक हैं। उन्होंने अपनी सूझ-बूझ, शोध-आधारित दृष्टिकोण और नवीन रणनीतियों से कई राजनीतिक दलों को चुनावी जीत दिलाई है। किशोर का राजनीतिक करियर पिछले एक दशक में तेजी से बढ़ा है, और वे राजनीतिक दलों के लिए अनिवार्य सलाहकार बन गए हैं। इस लेख में हम उनके करियर, प्रमुख राजनीतिक दलों और उनकी रणनीतिक सफलताओं पर चर्चा करेंगे।

प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
प्रशांत किशोर का जन्म बिहार में हुआ था। उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और उसके बाद संयुक्त राष्ट्र में स्वास्थ्य संबंधी मुद्दों पर काम किया। हालांकि, उनका झुकाव राजनीति की ओर था, और जल्द ही वे चुनावी रणनीतिकार के रूप में सक्रिय हो गए। Read Also: How to Join Bihar Cricket Association 2024

राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में करियर की शुरुआत
प्रशांत किशोर की राजनीतिक रणनीति का सफर 2011 में शुरू हुआ जब उन्होंने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए 2012 के गुजरात विधानसभा चुनावों में रणनीति तैयार की। उनकी योजनाओं और रणनीतियों ने नरेंद्र मोदी को लगातार तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने में मदद की। इसके बाद, 2014 के लोकसभा चुनाव में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही, जहाँ मोदी को प्रधानमंत्री पद पर जीत मिली। इस चुनाव में ‘चाय पे चर्चा’ और ‘3D रैलियां’ जैसे अभियान उनकी नई सोच के उदाहरण थे।

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मुख्य राजनीतिक दल और सफलताएँ

1.भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)
नरेंद्र मोदी के 2012 के गुजरात विधानसभा और 2014 के लोकसभा चुनाव की सफल रणनीति के बाद, किशोर बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण व्यक्ति बन गए। उनकी योजनाओं ने बीजेपी को ऐतिहासिक जीत दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। हालांकि, उन्होंने बाद में बीजेपी से दूरी बना ली और अन्य दलों के साथ काम करना शुरू किया।

2.जनता दल यूनाइटेड (JDU) और बिहार विधानसभा चुनाव 2015
2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में किशोर ने जनता दल (यूनाइटेड) के लिए काम किया और महागठबंधन (आरजेडी, जेडीयू, और कांग्रेस) को एकजुट कर बीजेपी के खिलाफ सफलतापूर्वक चुनाव लड़ा। इस चुनाव में नीतीश कुमार को पुनः मुख्यमंत्री बनाने में किशोर की रणनीति की बड़ी भूमिका रही। Read Also: Bihar Cricket: राजनीतिक जाल मे क्यूँ उलझा है बिहार क्रिकेट ?

3.कांग्रेस और उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017
2017 में, किशोर ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस के साथ काम किया, हालांकि यह उनके करियर के सबसे चुनौतीपूर्ण चुनावों में से एक था। कांग्रेस को इस चुनाव में भारी नुकसान हुआ, और यह एक असफल रणनीति मानी गई।

4.वाईएसआर कांग्रेस और आंध्र प्रदेश चुनाव 2019
आंध्र प्रदेश में, किशोर ने वाईएसआर कांग्रेस के नेता जगनमोहन रेड्डी के लिए रणनीति तैयार की। उनके नेतृत्व में, वाईएसआर कांग्रेस ने 2019 के विधानसभा चुनावों में भारी जीत हासिल की और जगन रेड्डी मुख्यमंत्री बने।

5.तृणमूल कांग्रेस और पश्चिम बंगाल चुनाव 2021
2021 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में, ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस के लिए किशोर ने सफल रणनीति तैयार की। उन्होंने बीजेपी के उभार के बावजूद टीएमसी को भारी जीत दिलाई। यह चुनाव प्रबंधन में उनकी सबसे बड़ी सफलताओं में से एक माना जाता है।

आई-पीएसी (I-PAC)
प्रशांत किशोर ने 2015 में इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई-पीएसी) की स्थापना की, जो भारत की एक प्रमुख राजनीतिक परामर्श एजेंसी बन गई है। आई-पीएसी विभिन्न राजनीतिक दलों के लिए चुनावी अभियानों की योजना और कार्यान्वयन करती है। इसका उद्देश्य नवीनतम डेटा विश्लेषण, मीडिया रणनीतियों और जमीनी स्तर पर संपर्क कार्यक्रमों के माध्यम से चुनाव जीतना है।

राजनीति में प्रवेश
हालांकि किशोर ने ज्यादातर समय राजनीतिक रणनीतिकार के रूप में बिताया, 2020 में उन्होंने जनता दल (यूनाइटेड) के माध्यम से सक्रिय राजनीति में प्रवेश किया। हालांकि, नीतीश कुमार के साथ वैचारिक मतभेद के कारण उन्होंने जल्द ही पार्टी छोड़ दी। इसके बाद उन्होंने बिहार में एक “जन सुराज” नामक अभियान शुरू किया, जिसका उद्देश्य जमीनी स्तर पर जनता की समस्याओं का समाधान करना और उनकी आवाज़ को प्रकट करना है।

प्रशांत किशोर की रणनीतियों की विशेषताएँ
1.डेटा-संचालित चुनाव अभियान: किशोर और उनकी टीम चुनावी रणनीतियों को तैयार करने के लिए बड़े पैमाने पर डेटा का उपयोग करते हैं। वे जमीनी स्तर पर डेटा इकट्ठा कर, उसे विश्लेषित करते हैं और उसी के आधार पर रणनीति बनाते हैं।

2.नवीनतम तकनीक का उपयोग: किशोर ने राजनीति में तकनीकी नवाचार को अपनाने में अहम भूमिका निभाई है। ‘चाय पे चर्चा’, ‘3D रैलियां’, और सोशल मीडिया अभियानों के माध्यम से उन्होंने चुनावी अभियानों में एक नई दिशा दी।

3. सामाजिक मुद्दों पर ध्यान: किशोर की रणनीति अक्सर सामाजिक मुद्दों पर आधारित होती है, जिससे वे जनता से सीधा संवाद स्थापित करते हैं। वे उस राजनीतिक दल की छवि को जनता के सामने प्रकट करने का प्रयास करते हैं जो जनता के मुद्दों पर काम करने को प्रतिबद्ध हो।

निष्कर्ष
प्रशांत किशोर आज भारतीय राजनीति के सबसे सफल और चर्चित रणनीतिकारों में से एक हैं। उन्होंने भारतीय चुनाव अभियानों की पारंपरिक सोच को बदलकर उन्हें अधिक पेशेवर और संगठित बनाया है। उनकी रणनीतियाँ और योजनाएँ चुनाव जीतने के लिए नवाचारी दृष्टिकोण पर आधारित होती हैं। चाहे वह बीजेपी हो, कांग्रेस, टीएमसी या अन्य क्षेत्रीय दल, किशोर ने अपनी अनूठी क्षमता से भारतीय राजनीति पर अमिट छाप छोड़ी है।

 

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