Bihar Cricket Association

Bihar Cricket Association: स्टेडियम का इतना बुरा हाल जिम्मेवार कौन

Bihar Cricket Association: बिहार मे अभी तक एक भी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम क्यूँ नहीं बन पाया, किसे जीमेदार मानते है आप।

बिहार में जरजर स्टेडियम में रणजी मैच खेला जा रहा है तो सवाल ये है कि बिहार में एक ढंग का स्टेडियम क्यूँ नहीं है। जबकी पूरे देश की बड़ी- बड़ी टीमें रणजी खेलने बिहार आ रही है, स्टेडियम की हालात ठीक नहीं है फिर भी हजारों की संख्या मे लोग मैच देखने स्टेडियम मे पहुच रहे हैं। जबकी दर्शकों को बैठने का जगह भी साफ नहीं किया गया, Bihar Cricket Association चाहता तो स्टेडियम को साफ करवा सकता था लेकिन ऐसा नहीं करवाया गया।

जब की Bihar Cricket Association का एक मात्र इंटरनेशनल दर्जा प्राप्त क्रिकेट स्टेडियम मॉइनउल हक है, जहां पर ये सारे रणजी मैच खेले जा रहे है।  और ये उसी स्टेडियम की कुछ फोटोज है जहां 27 सालों के बाद फिर से क्रिकेट की सोर सुनाई दे रही है और इस स्टेडियम का नाम है मोइन उल हक स्टेडियम जो बिहार की राजधानी पटना मे मौजूद है। ये स्टेडियम पहले से ही ऐसा नहीं रहा है वल्की ये स्टेडियम 1996 मे वर्ल्ड कप का आयोजन भी कर चुका है। और यहाँ 1996 के वर्ल्ड कप के दो मैच भी हो चुके है। ये भी पढ़ें: क्रिकेट मे आनेवाला है नया नियम, अब 6 के छह नहीं वल्की

Bihar Cricket Association : पटना के राजेंद्र नगर में यह बिहार का वही स्टेडियम है जहां 1996 से पहले कई सारे इंटरनेशनल मैचेस हो चुके हैं जहां 27 साल के बाद रिसेंटली बिहार और मुंबई के बीच रंजी ट्रॉफी का मैच खेला गया तो इस स्टेडियम को क्रिटिसाइज किया गया और कई सारे फोटोज वायरल हुए, यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि स्टेडियम के जो रख रखाव है वह भगवान भरोसे है।

जो भी दर्शक आ रहे हैं वह अपने जान जोखिम में डालते हुए मैच देख रहे हैं क्योंकि भवन निर्माण विभाग की तरफ से मोइनुल हक स्टेडियम को 4 साल पहले ही डेंजरस घोषित किया गया है अब इन पिक्चर्स को देखकर आप समझ सकते हैं। की स्टेडियम की हालात क्या होगी ना तो यहां पर कोई फंक्शनल स्कोर बोर्ड है और ना ही बैठने की जगह।

इनफैक्ट इस मैच में इकट्ठा हुए फैंस यह कह रहे हैं कि इस स्टेडियम में बैठना तो दूर ठीक से खड़ा रहना भी कठिन है इसमें स्कोर बोर्ड का भी व्यवस्था नहीं है पब्लिक सिर्फ मैच देख सकती है। स्कोरकार्ड तो पता ही नहीं चलेगा बैठने की व्यवस्था कुछ नहीं जंगल है चारों तरफ सिर्फ जंगल ही जंगल है।ये भी पढ़ें: गौरवशाली दौर: बिहार क्रिकेट एसोसिएशन (BCA) का इतिहास

ऐसा भी नहीं है कि बिहार में क्रिकेट पॉपुलर नहीं है या फिर यहां के लोग क्रिकेट का नॉलेज नहीं रखते बल्कि यहां पे ऐसे कई क्रिकेटर्स हैं जिन्होंने इंडियन टीम के लिए खेला है जैसे एमस धोनी, ईशान किशन, मुकेश कुमार जैसे कई खिलाड़ी हैं जिन्होंने अपना योगदान पहले भी भारतिए टीम मे दिया है।

Bihar Cricket Association के पास अपना कोई स्टेडियम नहीं है, इसके अलावा ये भी माना जाता है की मुंबई, दिल्ली, कर्नाटका जैसी टीमों को ज्यादा वैल्यू दिया जाता रहा है, क्यूंकी इन सारे टीमों के ऊपर मीडिया का अटेन्सन जायद रहता है, यही कारण है की बिहार और झारखंड के प्लायर्स को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। टीम मे सिलेक्ट होने के लिए मीडिया और पब्लिक अटेन्सन नहीं मिल पाता है। ये भी पढ़ें: Bihar Cricket History : बिहार के वो सात गुंमनाम क्रिकेटर जिन्होंने बढ़ाया बिहार का नाम

ऐसा नहीं है की बिहार मे क्रिकेट स्टेडियम बनाने का एक भी फंड नहीं आया, साल 2007 मे सीएम नीतीश कुमार ने बिहार मे एक क्रिकेट स्टेडियम की मांग की थी जिसे कैबिनेट द्वारा 2017 मे अप्रूवल भी मिल गया था, कैबिनेट के अप्रूवल के बाद 33 करोड़ रुपया और 90 एकड़ जमीन से साथ 2018 में नालंदा जिले के राजगीर में इस स्टेडियम का निर्माण शुरू हुआ। जिसका बनने का टारगेट अक्टूबर 2020 रखा गया था, दुर्भाग्यवश अभी तक 2024 मे भी ये स्टेडियम बनता हुआ नहीं दिख रहा है। बिहार के इसी रवैये के करना ही धोनी, ईशान किशन और मुकेश कुमार जैसे खिलाड़ी बिहार के बाहर जा कर बंगाल क्रिकेट अससोसिएसन और झारखंड जैसे स्टेट्स को रिप्रेजेंट कर रहे हैं।

 

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