Bihar Cricket

Bihar Cricket: राजनीतिक जाल मे क्यूँ उलझा है बिहार क्रिकेट ?

Bihar Cricket जनितिक लोगों के बिच क्यों फसा हुआ है और कब होगा आजाद ?

भारत के हृदयभूमि में, जहाँ क्रिकेट का खेल जनता के बीच गहरा छाप बनाया हुआ है, वहाँ बिहार ने न केवल अपने क्रिकेट प्रतिभा के लिए बल्कि, खेल में बुने हुए राजनीतिक जालों के लिए भी जाना जाता रहा है। और यही सवाल जयदातार बिहारी लोगों का बना हुआ है जो कई क्रिकेट प्रेमियों को सोने नहीं देता है । वह है Bihar Cricket में इतनी राजनीति क्यों है?

बिहार, जिसे एमएस धोनी, ईशान किशन, मुकेश कुमार और जाने कितने ही ऐसे खिलाड़ी हैं जो न सिर्फ बिहार से खेलना चाहते थे वल्की बिहार क्रिकेट को आगे बढ़ते देखना भी चाहते थे, जो फिलहाल बिहार से नहीं वल्की भारत के अलग अलग राज्यों से खेलते है। ये भी पढ़ें: रणजी ट्रॉफी: बिहार बनाम केरल क्रिकेट अपडेट

Bihar Cricket के महानायकों की उत्पत्ति के लिए जाना जाता है, जबकी बिहार ने अपने क्रिकेट के प्रबंधन और संगठन के क्षेत्र में चुनौतियों का सामना किया है। Bihar Cricket की राजनीति के पीछे का मुख्य कारण समृद्धि नहीं वल्की क्रिकेट क्रिकेटिंग बॉडी की कमी है। एक अच्छे क्रिकेट बॉडी के अभाव में विभिन्न दल, अपने ओर से एक नई नई बॉडी का गठन करते रहते हैं।

बिहार के कई क्रिकेट संघों के बीच आपसी झगड़े से ने केवल जमीनी स्तर पर खेल के विकास को रोका है वल्की राष्ट्रीय क्रिकेटिंग में राज्य के प्रतिष्ठानुकूल अभाव का भी कारण बना है। खिलाड़ियों को, जिन्हें खेल पर ध्यान केंद्रित होना चाहिए, अक्सर प्रशासनिक झगड़े के बीच खुद झेलते रहते हैं। जो उनकी खेल के विकास और राष्ट्रीय मंच पर अवसरों को प्रभावित करता है। ये भी पढ़ें: Bihar Cricket Association: स्टेडियम का इतना बुरा हाल जिम्मेदार कौन

बिहार के क्रिकेट में राजनीति का एक और महत्वपूर्ण कारण क्षेत्रीय राजनीति और खेल प्रशासन के बीच का नेक्सस है। खेल एसोसिएशन ऐसे व्यक्तियों के लिए एक ब्रीडिंग ग्राउंड बन चुके हैं जिनकी राजनीतिक उम्मीदें हैं, जो अपने हितों को आगे बढ़ाने के लिए खेल का सहारा लेते हैं। यह क्रिकेट और राजनीति के बीच इस जालों को और जटिल बना देता है, जो पहले से ही काफी पेचीदा है ।Bihar Cricket Association

इसके अलावा, क्रिकेट के आर्थिक दांवों ने राजनीतिक आग को और भी तेज कर डाल है। स्पॉन्सरशिप डील्स, प्रसारण के अधिकार, और खेल की समग्र वाणिज्यिकीकरण के साथ, बहुत सारे पैसों के खेल की ओर आकर्षित कर रही है। यह आर्थिक प्रभाव अक्सर राजनीतिक दबदबे वाले व्यक्तियों को आकर्षित करता है, जो Bihar Cricket एसोसिएशन को एक कमाने का अच्छा साधन मानते हैं । और यही कारन है की वो आपने राजनीतिक हैसियत का गलत इस्तेमाल कर के क्रिकेट मे पैठ जमाना चाहते हैं ।

राजनीतिक हस्तक्षेप के प्रभाव को कम करने के लिए, एक अच्छे क्रिकेटिंग बॉडी की आवश्यकता है जो केवल खेल के विकास और प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत हो। राजनीतिक दलों से दूर होना और मूल स्तर पर प्रतिभा को पोषित करने पर ध्यान केंद्रित करने से ही Bihar Cricket के लिए एक उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।

Conclusion

बिहार के क्रिकेट में राजनीति जुगलबंदी ने राज्य में खेल की विकास और संभावना को बाधित किया है। बुने हुए मुद्दों, जैसे कि एक समृद्धि नहीं की गई क्रिकेटिंग बॉडी, क्षेत्रीय राजनीति के प्रभाव, और जो आर्थिक हितों में हैं, का समर्थन करने से ही खेल की वातावरण बनाया जा सकता है। केवल ऐसे सुधारों के माध्यम से ही बिहार को आशा है कि यह अपनी क्रिकेटीय प्रतिभा का सम्मान वापस पा सकता है।

Bihar Cricket History

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