Bihar Cricket Association

गौरवशाली दौर: Bihar Cricket Association (BCA) का इतिहास

Bihar Cricket Association (BCA) की कहानी: 1935 से लेकर आजतक का सफर

  • Bihar Cricket Association स्थापना

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन की स्थापना वर्ष 1935 में हुई थी, जिसका पंजीकृत प्रधान कार्यालय जमशेदपुर में था, जिसके अध्यक्ष स्वर्गीय श्री ए.एम. हेमैन, उपाध्यक्ष श्री के.ए.डी. नौरोजी और प्रोफेसर मोइन-उल-हक, सचिव श्री एन. .नगरवाला मानद कोषाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किए गए थे।

  • Bihar Cricket Association (BCA) ने कब खेला अपना पहला मैच?

1937 में Bihar Cricket Association (BCA) ने अपना पहला रणजी ट्रॉफी मैच क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल एंड असम के खिलाफ कलकत्ता में खेला और पहली पारी में बढ़त हासिल की। यह वास्तव में एक बहुत ही प्रशंसनीय उपलब्धि है, हालांकि बिहार यह मैच हार गया था। पहला रणजी ट्रॉफी मैच 1939-40 में बिहार में क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के खिलाफ कीनन स्टेडियम, जमशेदपुर में खेला गया था।

  • कब मिली पहली जीत 

जबकी बिहार को अपनी पहली जीत दर्ज करने के लिए 23 जनवरी 1948 तक इंतजार करना पड़ा, जब उसने कीनन स्टेडियम, जमशेदपुर में दिल्ली और जिला क्रिकेट एसोसिएशन को हराया। दिल्ली एवं डिस्ट्रिक्ट एसोसिएशन को 8 विकेट के नुकसान पर 32 रन बनाने थे और जीत दर्ज करने के लिए पूरा एक दिन बाकी था। लेकिन क्रिकेट की शानदार अनिश्चितताएं, एक घंटे से भी कम समय में 17 रन पर 8 विकेट गिर गए! ये भी पढे: क्रिकेट मे आनेवाला है नया नियम, अब 6 के छह नहीं वल्की

BCA History

1959-60 में बिहार ने बंगाल को हराकर ईस्ट-जोन चैंपियन बना और मैसूर के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के सेमीफाइनल में प्रवेश किया, अगर बिहार ने पहली पारी में बढ़त ले ली होती तो उसके पास मैच जीतने का अच्छा मौका था। बिहार ने पहली पारी में कुल स्कोर 307 रन बनाए और दूसरी पारी मे 146 और मैसूर 314 था।

बिहार क्रिकेट एसोसिएशन पटना में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट का भी आयोजन कर चुका है। जिम्बाब्वे और केन्या की टीमें 1996 में मोइन-उल-हक स्टेडियम पटना में विश्व कप में खेली थीं। जबकी हीरो कप में जिम्बाब्वे और श्रीलंका की टीमें भी खेलीं थी।  महिला क्रिकेट विश्व कप भी BCA  की देखरेख में पटना में आयोजित किया गया था। ये भी पढ़ें: Bihar Cricket History : बिहार के वो सात गुंमनाम क्रिकेटर जिन्होंने बढ़ाया बिहार का नाम

  • Bihar Cricket Association क्यूँ रह गया पीछे 

वर्ष 2000 में बिहार के विभाजन के बाद एक नया राज्य झारखंड बना, बिहार के विभाजन के बाद BCA का रजिस्टर्ड ऑफिस जिसका कार्यालय जमशेदपुर में था उसका भी दो संघों में विभाजन हो गया। बिहार राज्य में एसोसिएशन का नाम बिहार क्रिकेट एसोसिएशन था जबकि झारखंड राज्य में एसोसिएशन का नाम क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ झारखंड (अब झारखंड राज्य क्रिकेट एसोसिएशन) बन गया।

वर्ष 2001 में, बीसीए का पहला चुनाव हुआ, जिसमें श्री लालू प्रसाद यादव अध्यक्ष, श्री एल.पी. वर्मा, श्री आलोक राज, श्री रविशंकर प्रसाद सिंह उपाध्यक्ष, श्री अजय नारायण शर्मा सचिव बने। कोषाध्यक्ष के रूप में श्री प्रवीण कुमार को नियुक्त किया गया।

BCA को 27.9.2008 को बीसीसीआई द्वारा एसोसिएट सदस्यता प्रदान की गई थी। वर्ष 2010 में, बीसीए के नए चुनाव की घोषणा की गई थी, लेकिन आंतरिक गुटबाजी के कारण कोई चुनाव नहीं हुआ और बीसीए दो समूहों में विभाजित हो गया और परिणामस्वरूप बीसीए के समक्ष मामला दायर किया गया। माननीय उच्च न्यायालय. मुकदमा माननीय उच्चतम न्यायालय तक पहुंचा।

माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने 2013 की एसएलपी संख्या 35160 में दिनांक 11.08.2015 के आदेश के तहत माननीय श्री न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) धर्मपाल सिन्हा को Bihar Cricket Association चुनाव के पर्यवेक्षक के रूप में नियुक्त किया, तदनुसार चुनाव हुआ और श्री अब्दुल बारी सिद्दीकी अध्यक्ष के रूप में श्री रविशंकर प्रसाद सिंह, सचिव के रूप में श्री राम कुमार और पांच उपाध्यक्ष चुने गये।

वर्ष 2010-2011 में Bihar Cricket Association ने बीसीसीआई द्वारा प्रायोजित अंडर-19 आयु वर्ग, अंडर-22 आयु वर्ग और अंडर-16 आयु वर्ग के टूर्नामेंट में अपनी टीम भेजी। अंडर-22 और अंडर-16 टीमें अपने-अपने टूर्नामेंट में उपविजेता रहीं जबकि अंडर-19 टीम चैंपियन रही और इसलिए उन्हें सभी भारतीय स्तरों पर बीसीसीआई द्वारा प्रायोजित ‘प्लेट ग्रुप टूर्नामेंट’ में भाग लेने की अनुमति दी गई। बीसीए की तदर्थ समिति ने भी पहली बार अपनी महिला क्रिकेट टीम को सीनियर महिला बीसीसीआई एसोसिएट टूर्नामेंट में भाग लेने के लिए भेजा था।

साल 2016 में Bihar Cricket Association ने बीसीसीआई द्वारा प्रायोजित अंडर-19 और अंडर-16 ए और ए टूर्नामेंट के लिए अपनी टीम भेजी थी। दोनों आयु वर्ग में बिहार की टीमें चैंपियन रहीं।

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