मोदी के लक्षदीप दौरे से क्यूँ परेशान हुआ इटली, मालदीव और चीन

मोदी के लक्षदीप दौरे से क्यूँ परेशान हुआ इटली, मालदीव और चीन

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षदीप दौरे से एक देश ही नहीं वल्की दुनिया के 3 देश हुए परेशान। मोदी ने चुपके से किया बड़ा खेल।  

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तारीख 4 जनवरी को पूरे देश के लोग नए साल की छूटियाँ मनाने के बाद अपने – अपने दफ्तरों की ओर रवाना हुए थे। लेकिन उसी दिन 4 जनवरी को ट्विटर पर एक तशवीर आती है, और तशवीर थी प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की। 

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप के दौरे पर हैं। वो बीच पर टहलते हुए नजर आते है और समंदर मे गोते लगाते नजर आते है। अब ये तशवीर भारत मे ट्रेंड करें ये समझ मे तो आता है, लेकिन नरेंद्र मोदी की ये तशवीर दो अलग – अलग देशों मे वहाँ के टॉप ट्रेंड मे शामिल हो जाए ये समझ मे नहीं आती है। 

एक देश भारत से 750 किलोमीटेर दूर है, और दूसरा देश तो हजारों किलोमीटर दूर है। उन दो देशों का भरतिए परधान मंत्री नरेंद्र मोदी के लक्षद्वीप से क्या रिसता है वो आगे बताएंगे। 

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4 जनवरी 2024 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी लक्षद्वीप पर टहल रहे है। और 4 जनवरी को ठीक उसी वक्त इटली की प्रधान मंत्री ‘जॉर्जिया मेलोनी’ इटली के एक बीच पर टहल रही है। और उन्होंने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक पोस्ट की जिसमे उन्होंने कहा की “न जाने इन दिनों मुझे बीच से प्यार क्यूँ हो गया है” ? बस फिर क्या था प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और जॉर्जिया मेलोनी, दोनों की तशवीरें इटली के सोशल मीडिया पर टॉप ट्रेंड मे है। 

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कई भरतिए ने लिखा है की ये बीच – बीच की बात है.। अब इसका मतलब क्या ये आप खुद समझिए। लेकिन एक गहरा और गंभीर मुद्दा है और उन्होंने कहा की लक्षद्वीप मे टूरिजम की आपार संभावनाएं है, भरतिए प्रयतकों को लक्षद्वीप पर ध्यान देना चाहिए। 

तो 754 किलोमीटर दूर है एक देश मलद्वीप और वहाँ के सोशल मीडिया पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की ये तशवीर टॉप ट्रेंड करने लगी। और वहाँ के ट्विटर यूजर्स लिखने लगे की अब तो मलद्वीप गया। अब सवाल ये उठता है की अगर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी अपने देश के किसी समुद्र मे डुबकी लगा रहे है तो इससे मलद्वीप को क्या दिक्कत है ?

क्यूँ परेशान है मलद्वीप ? 

क्यूँ परेशान है मलद्वीप आइए आपको बताते है, भारत मे छूटियाँ मनाने का सबसे पसंदीदा लोकैशन मे एक है मलद्वीप, वैसे तो मालदीव बहुत छोटा सा देश है इस देश की जनसंख्या 22 लाख के आस पास है। और जो मालदीव सरकार के पर्यटन विभाग के जो आंकड़ें है उसके अनुसार 2022 मे 2 लाख 41 हजार भरतिए पर्यटक मालदीव घूमने गए थे, वहीं 2023 मे 2 लाख 9 हजार यानि 2022 के अपेक्षा 2023 मे 30 हजार कम भरतिए पर्यटक मालदीव घूमने गए । 
और यही लक्षद्वीप का बेनीफिट है, लक्षद्वीप मे 2022 के मुकाबले 35 हजार जायद भरतिए पर्यटक घूमने गए है। मालदीव की पूरी अर्थवियवस्था पर्यटक पर निर्भर करती है। और उसमे भरतिए पर्यटकों का योगदान 30% है। 

क्या हुआ मालदीव को ?  

अब हुआ क्या मालदीव को ये समझ लीजिए, इससे पहले जो मालदीव के प्रधान मंत्री थे अब्दुल यमीन जो भरतिए समर्थक माने जाते थे, जिसके वजह से भरतिए नौ सेना के एक टुकड़ी एक एक्सपेरिमेंट कर रही थी। ये समझौता हुआ था अब्दुल यमीन और नरेंद्र मोदी मे। 
अब चुनाव के बाद मोहम्मद मॉइज्जईजीत कर आ गए है और वो प्रधान मंत्री बन गए है मालदीव के और मोहम्मद मॉइज्जई कट्टर पांति माने जाते है साथ ही वो चीन के काफी करीबी भी माने जाते है। मोहम्मद मॉइज्जई हाल ही मे एक पत्र लिख के भरतिए नौ सेना को वहाँ से हटाने को कह दिए । 
तो नरेंद्र मोदी जी ने सोच की ठीक है कमाओगे हम से और गाओगे चीन की। तो उन्होंने भरतिए पर्यटकों के लिए लक्षद्वीप को इक्स्प्लोर करने की योजना बनाई और फिर नरेंद्र मोदी पहुच गए लक्षद्वीप। वैसे लक्षद्वीप मलद्वीप से कल खूबसूरत नहीं है, मालदीव महंगा भी है और जाने आने मे प्रोसेस भी जायद है, उसके मुकाबले लक्षदीप जायद आसान है घूमना । 
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लक्षद्वीप शांत है, मालदीव मे जयदा शोर है। लक्षदीप के समंदर जयदा साफ है वही मालदीव के समंदर गंदे हो रहे है । प्रधान मंत्री के नरेंद्र मोदी की एक तस्वीर लक्षदीप के पर्यटन को किस हद तक बढ़ावा दे सकता है, कई उदाहरण दे कर समझाए गए है मालदीव के अखवारों मे । उन्होंने मालदीव के सरकार से ये कह रहे है की, मोदी ने कुछ किया नहीं सिर्फ लक्षदीप के समंदर मे एक डुबकी लगा ली और आपकी अर्थव्यवस्था आधी रह जाएगी। 
मालदीव के अखवार वहाँ के सरकार को सबधान कर रहे है, तो ये जरूरी नहीं की जो आप से खफा हो उससे डाँट कर ही बात किया जाए, इसरों मे भी बहुत कुछ किया जा सकता है। नरेंद्र मोदी का लक्षविप का दौरा मालदीव के लिए एक ईसार है की आप कई तरह से मेरे ऊपर निर्भर हो आप रक्षा की जरूरतों के लिए हम पर निर्भर करते हो। आप अपने इंफास्टरचर की जरूरतों के लिए हम पर निर्भर हो। आपको पूरी टूरिजम भरतिए पर निर्भर करता है। 
इसलिए चीन को मत देखो जितना जल्दी हो सके जगह पर आजाओ .। 

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